Yuva

I wrote this one for a competition on the topic "Youth". Since the rule was to limit it to 150 words I had to shrink down as much as possible. And it goes....

/*युवा */

अपने उन सालो में जी रहा हूँ,
जीवन के कुछ हसीन पल सी रहा हूँ|
कुछ नमूने उस पल के बतलाता हूँ,
इस काल में मैं युवा कहलाता हूँ|

जोश है, आक्रोश है,
सपने सुनने को दुनिया बेहोश है|
मस्ती है, पढाई है,
सच की, हक़ की, खुद की लड़ाई है|
कामयाबी की उड़ान सपनो में ही भर जाता हूँ,
इस काल में मैं युवा कहलाता हूँ|

मुझसे आशाएं जूडी है,
निराशा, हार-जीत, गम-ख़ुशी जाने पीछे ही पड़ी हैं|
परिवार का चिराग हूँ,प्रियतम का अभिन्न भाग हूँ,
कभी माँ का दुलारा, कभी बाप के अरमानो का दाग हूँ|
जाने कितने किरदार निभाता हूँ,
इस काल में मैं युवा कहलाता हूँ|

कल का भविष्य हूँ,
किसी का दोस्त, किसी का शिष्य हूँ|
हार में रोता, जीत का जश्न मनाता हूँ|
किसी के शर्म,किसी के आदर्श, का प्रतिक बन जाता हूँ|
इस घडी को हर वक़्त जीना चाहता हूँ|
जीवन की इस घडी, मैं युवा कहलाता हूँ|
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extended version
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बुड्ढो का सहारा हूँ,
कभी अँधा, लूला, लंगड़ा, कभी बेचारा हूँ|
विकलांगता को कभी मात दे जाता हूँ,
नामुमकिन को भी समर्थ कर दिखता हूँ|
कितने अद्भूत चमत्कार कर जाता हूँ|
इस काल में मैं युवा कहलाता हूँ|

सही या गलत रास्ता चुनता हूँ,
ज्यादातर माँ-बाप के नक़्शे कदम पे चलता हूँ|
जिंदगी के तौर- तरीके समझने लगा हूँ,
इसकी भी अक्ल पड़ी, कौन मेरा और मैं किसका सगा हूँ|
किसी का जिगरी, किसीका का दुश्मन, किसी का जीवनसाथी, बनता हूँ,
इस हसीन पल में मैं युवा कहलाता हूँ|

इंजिनियर, डॉक्टर, कलाकार का अवतार हूँ,
कभी हीरो तो कभी लफंगा तो कभी होनहार हूँ|
कर्मो की खेती से भविष्य-पथ निर्माण करता हूँ,
लाखो की दुआ, या लाखो में बिकी किताब बन जाता हूँ|
इस अवस्था को बखूबी निभाता हूँ,
गर्व है मुझे, मैं युवा कहलाता हूँ|

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