Tu Jaa kuch Iss Tarah

ये दिल 
दिल के दर्द को सेहेने की ताकत कीजिये 
कडवे सच हो या उसके ताने 
ख़ुशी से पीजिये 
कभी प्यार में प्यार क अलावा 
ना कुछ सोचा किजिये
प्यार क बदले प्यार 
ना नफरत दीजिये 

प्यार में चाहत ही थी 
इतना जान लीजिये 
कोई और उसे छीने 
उसका अनुमान न कीजिये 

ये रिश्ता दिल का है 
दिमाग इस्तमाल न कीजिये 
तुम इसे न समझी 
तोह इसे मेरी हार मान लीजिये 

मैं रोऊंगा नहीं 
बस अन्दर ही अन्दर मरता रहूँगा 
इस पीड़ा को कुछ नहीं 
बस मेरी खुदखुशी मान लीजिये 

जिंदगी पे तो सिर्फ खुद का हक है 
इतना तो माना 
पर उस भूले हुए मीत पे 
इतना रहम कीजिये 
तुम्हे जब और कोई भा जाय 
तो कम से कम आगाह कर दीजिये 

माना मुश्किल है ये सब जनानां 
और भी मुश्किल इसको मानना 
पर सच का सामना कीजिये 
कोई काटे रातें तनहा तेरी यादो में 
ऐसा गुनाह न होने दीजिये 

भले ही रो दे वो 
पर भावना की कदर कीजिये 
बहा देगा उन लम्हो को आसुओं में 
बस उसी की दुआ कीजिये 

2 comments:

  1. Replies
    1. Hey thank you Aarti :)

      I dint knew you followed my blog.. glad u liked it..

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