MERA PYAAR FILMY NAHI HAI


This kavita is very close to my heart.



/* मेरा प्यार फ़िल्मी नहीं है  */

दिल भी वही है, बात भी सही है,
ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत भी नै है,
क्योकि ये मेरे प्यार की कहानी है,
और मेरा प्यार फ़िल्मी नहीं है!!

 शुरुवात simple है,और logical है,
लड़की सुंदर है,गालो पे डिम्पल है,
आँखें तो आँखें, हंसी भी बेमिसाल है|
पर इस प्यार में कोई background music नहीं है,
और मेरा प्यार फ़िल्मी नहीं है|

उसे देखने को दिल तरसता है,
दिमाग दिनभर उसी की सोचता है|
मेरे लिए ये सब normal नहीं है,
क्योकि मेरा प्यार फ़िल्मी नहीं है|

थोडा सा attitude , थोडा बचपना भी है|
उसकी बातें सुनकर मैंने तो होश भी खोया है|
मेरे लव स्टोरी में कोई villian नहीं है,
और मेरा प्यार फ़िल्मी नहीं है|

जब उससे बात करता हू,
आस पास का सब भूल जाता हूँ|
उसको छूना चाहता हूँ,
उसको जानना चाहता हूँ,
उसकी बातो में खोया रहना चाहता हूँ|
मेरा प्यार थोडा सेंटी है,
पर मेरा प्यार फ़िल्मी नहीं है|


दोस्तोँ ने मेरी setting भी की है|
time time पर facebook पे chatting भी की है|
smileys , lol , hehe  का सिलसिला चलता रहता है|
ये कोई छोटी बात नहीं है,
पर मेरी कहानी फ़िल्मी नहीं है!!

दोस्तोँ की सुने तो 'लड़की in है ' ,
'बोल दे रे ' , क्योकि येही तेरे दिन है|
प्यार का सिलसिला full to  running है,
पर मेरी कहानी फ़िल्मी नहीं है|

न मैं हीरो हूँ, न वो हेरोइन है|
लड़का तो फुल to lattoo है,
पर लड़की का शायद फिक्स नहीं है|
पर ये सब में बहोत confusion है|
क्या पता इसका क्या conclusion है|
लड़की को मेरे लिए क्या feelings  है, ये भी मालूम नहीं है|
धत....मेरी कहानी में कोई twist ही नहीं है,
इसलिए मेरी कहानी फ़िल्मी नहीं है||

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