***तेरी ऊंगली***
जबसे मैं हूँ आया
तेरी ममता का मुझपे है साया
आते ही रोया , तो अपने आँचल से लगाया
उस नादान ने दुनिया में तुझसे पहला रिश्ता बनाया
उस दिन दिल ने संकल्प किया
' ना छोडूंगा माँ, मैं तेरी ऊँगली '
रोते रोते हसना सिखाया
गिरते कदमो को उठना सिखाया
खुद की नींद बिगाड़, झुला झुलाया
मेरी तकलीफों को खुद के सर उठाया
जुबान को बोलने लायक बनाया
खुद को तो एक पल भूल ही गयी
मेरी जिंदगी को खुद की जिंदगी बनाया
जब तू हैं मेरे पास तो
ना छोडूंगा माँ, मैं तेरी ऊंगली
अक्षर की पहचान करायी
भोजन की है रीत सिखाई
पहले बोल, तेरे लाडले के सुन
आँखें तेरी थी भर आई
पहले माँ बोलना सिखा
फिर तुने abcd सिखाई
तब तू ही मेरी दुनिया थी
अब भी तुझमें ही मेरी दुनिया है
तकलीफों से तू युही बचाते रहना
ना छोडूंगा माँ, मैं तेरी ऊंगली
पढना-लिखना तुने सिखाया
बाबा दांते, तो पल्लू में छुपाया
गलती करने पर तेरा थप्पड़ भी खाया
तेरी नज़र से कभी हट न सका
तेरे अरमानो में भी, मैं ही समाया
अच्छे-बुरे का अंतर बताया
सच-झूठ का पाठ पढाया
बुरे सपनो को दूर भगाया
लोरी सुना के, गहरी नींद सुलाया
तू ही मेरा रक्षा कवच है
ना छोडूंगा माँ, मैं तेरी ऊंगली
मुझे बड़े होते तुने देखा है
मेरे गुस्से को हरदम अनदेखा किया है
मेरी हर जरूरत को पूरा किया है
मेरे हताश होने की तू ही एक दवा है
अपने ख़ुशी और गम में
हरदम तुने शामिल किया है
तेरे बलिदान को कभी न भूलूंगा
ना छोडूंगा माँ, मैं तेरी ऊँगली
मेरी हर मुश्किल का तू हल है
मेरी सफलता का तू मीठा फल है
तू ही मेरे जीवन का जल है
अमृत से अनमोल , आज से बेहतर पल है
तेरी मौजूदगी में ही मेरा जीवन सफल है
तेरा आशीर्वाद, तेरी दुआए
हल पल मेरे काम आये
बिन बोले मेरी हर बात समझ जाए
तू ये जादू मुझपे हरदम चलाते रहना
ना छोडूंगा माँ, मैं तेरी ऊंगली
कितना भी बड़ा हो जाऊ
मैं तेरा ही लाडला रहूँगा
कितने ही रिश्ता निभाऊ
तुझसे कभी न मुह मोडूँगा
कितनी ही उलझन में पड़ जाऊ
तुझ पर आंच न आने दूंगा
तेरे कर्मो की मैं भगवान् से शिफारिश करूँगा
तुझे उससे भी ऊँचा दर्जा देने की मांग करूँगा
अंतिम घडी भी यही कहूँगा
ना छोडूंगा माँ, मैं तेरी ऊंगली
***END***
जबसे मैं हूँ आया
तेरी ममता का मुझपे है साया
आते ही रोया , तो अपने आँचल से लगाया
उस नादान ने दुनिया में तुझसे पहला रिश्ता बनाया
उस दिन दिल ने संकल्प किया
' ना छोडूंगा माँ, मैं तेरी ऊँगली '
रोते रोते हसना सिखाया
गिरते कदमो को उठना सिखाया
खुद की नींद बिगाड़, झुला झुलाया
मेरी तकलीफों को खुद के सर उठाया
जुबान को बोलने लायक बनाया
खुद को तो एक पल भूल ही गयी
मेरी जिंदगी को खुद की जिंदगी बनाया
जब तू हैं मेरे पास तो
ना छोडूंगा माँ, मैं तेरी ऊंगली
अक्षर की पहचान करायी
भोजन की है रीत सिखाई
पहले बोल, तेरे लाडले के सुन
आँखें तेरी थी भर आई
पहले माँ बोलना सिखा
फिर तुने abcd सिखाई
तब तू ही मेरी दुनिया थी
अब भी तुझमें ही मेरी दुनिया है
तकलीफों से तू युही बचाते रहना
ना छोडूंगा माँ, मैं तेरी ऊंगली
पढना-लिखना तुने सिखाया
बाबा दांते, तो पल्लू में छुपाया
गलती करने पर तेरा थप्पड़ भी खाया
तेरी नज़र से कभी हट न सका
तेरे अरमानो में भी, मैं ही समाया
अच्छे-बुरे का अंतर बताया
सच-झूठ का पाठ पढाया
बुरे सपनो को दूर भगाया
लोरी सुना के, गहरी नींद सुलाया
तू ही मेरा रक्षा कवच है
ना छोडूंगा माँ, मैं तेरी ऊंगली
मुझे बड़े होते तुने देखा है
मेरे गुस्से को हरदम अनदेखा किया है
मेरी हर जरूरत को पूरा किया है
मेरे हताश होने की तू ही एक दवा है
अपने ख़ुशी और गम में
हरदम तुने शामिल किया है
तेरे बलिदान को कभी न भूलूंगा
ना छोडूंगा माँ, मैं तेरी ऊँगली
मेरी हर मुश्किल का तू हल है
मेरी सफलता का तू मीठा फल है
तू ही मेरे जीवन का जल है
अमृत से अनमोल , आज से बेहतर पल है
तेरी मौजूदगी में ही मेरा जीवन सफल है
तेरा आशीर्वाद, तेरी दुआए
हल पल मेरे काम आये
बिन बोले मेरी हर बात समझ जाए
तू ये जादू मुझपे हरदम चलाते रहना
ना छोडूंगा माँ, मैं तेरी ऊंगली
कितना भी बड़ा हो जाऊ
मैं तेरा ही लाडला रहूँगा
कितने ही रिश्ता निभाऊ
तुझसे कभी न मुह मोडूँगा
कितनी ही उलझन में पड़ जाऊ
तुझ पर आंच न आने दूंगा
तेरे कर्मो की मैं भगवान् से शिफारिश करूँगा
तुझे उससे भी ऊँचा दर्जा देने की मांग करूँगा
अंतिम घडी भी यही कहूँगा
ना छोडूंगा माँ, मैं तेरी ऊंगली
***END***
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